कितनी भोली कितनी प्यारी है मेरी माँ,
मुझको हर पल मीठी डांट लगाती है मेरी माँ,
मुझको जीने का ढंग सिखाती है मेरी माँ,
मुझको चोट लगे तो ख़ुद दुःख पाती है मेरी माँ,
मुझको हर पल मीठी डांट लगाती है मेरी माँ,
मुझको जीने का ढंग सिखाती है मेरी माँ,
मुझको चोट लगे तो ख़ुद दुःख पाती है मेरी माँ,
ऊपर जिसका अंत नहीं, उसे कहते हैं आसमां,
जहान में जिसका अंत नहीं, उसे कहते हैं माँ,
उनकी ममता कि छाओं में,
जाने कब खड़ी हुई मैं अपने पांव पे,
जहान में जिसका अंत नहीं, उसे कहते हैं माँ,
उनकी ममता कि छाओं में,
जाने कब खड़ी हुई मैं अपने पांव पे,
नींद अपनी भूला कर सुलाया जिसने,
आँसू अपने गिरा कर हंसाया जिसने,
इतना दुलार कहाँ से लाती हैं मेरी माँ,
कितनी भोली कितनी प्यारी है मेरी माँ
आँसू अपने गिरा कर हंसाया जिसने,
इतना दुलार कहाँ से लाती हैं मेरी माँ,
कितनी भोली कितनी प्यारी है मेरी माँ
HAPPY MOTHER'S DAY MUMMY
Happy Mother's Day Mummy! :)
ReplyDeleteAwesome Poem Di! :)
Thanks Bhai :)
ReplyDeleteNice!!!
ReplyDeleteThanks :)
ReplyDeleteGreat lines !
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