Parallels never meet
Friday, 31 October 2014
Thursday, 30 October 2014
लम्हा
ये लम्हा भी यूँ ही बीत जायेगा,
अगला लम्हा भी कौनसा साथ निभायेगा,
भर लो हर लम्हा अपनी बाहों में,
क्या पता, कौनसा लम्हा आखरी कहलायेगा ||
अगला लम्हा भी कौनसा साथ निभायेगा,
भर लो हर लम्हा अपनी बाहों में,
क्या पता, कौनसा लम्हा आखरी कहलायेगा ||
Wednesday, 29 October 2014
Monday, 27 October 2014
Friday, 24 October 2014
Sunday, 19 October 2014
Saturday, 18 October 2014
फिर से दिवाली आयी है
फिर से दिवाली आयी है,
फिर बाज़ार में रौनक छायी है,
फिर माँ दीये जलायेंगी,
फिर पापा सीरीज़ लगायेंगे,
फिर से दिवाली आयी है,
फिर रातें दिन से ज़्यादा रौशन हो जायेगी,
फिर घर आँगन में रंगोली सजेगी,
फिर किचन से घी कि खुशबू हर कमरे में फैल जायेगी,
फिर से दिवाली आयी है,
फिर नए कपड़ों कि महक मन को बहलायेगी,
फिर नन्हे शैतान पटाखे-फुलझड़ी जलायेंगे,
फिर पकवान और तोहफे ख़ुशियाँ लायेंगे
Sunday, 12 October 2014
लफ्ज़-ओ-अल्फाज़
कुछ खयाल और कुछ हक़ीक़त मिलते हैं जमाने में,
हम बयान करते हैं उन्हें अपने रह-ओ-रस्म से अफसाने में,
ग़ुल-ए-बाज़ार में महकता है हर इक गुलाब जैसे,
शाम-ओ-सुबह चलती है हमारी ये कलम वैसे,
नज़्म-ओ-मज़मून या कभी कभार साज़-ओ-तराने में,
उम्मीद है निगार हो इस मुसंफा के ज़खीरा-ए-अल्फाज़ में,
मुख्तलिफ ज़बान में लिखने कि आज़माइश करते हैं,
रहमत हो ख़ुदा कि तो पेश करते रहेंगे नई मोसिकि कयी बार ||
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Friday, 10 October 2014
Tuesday, 7 October 2014
Purnima
Purnima or the Full moon day is considered auspicious in Hindu calendar. Since time immemorial, Hindus have believed that the fortnightly cycle of the moon exerts a great influence on the human anatomy just as it affects the water bodies on earth resulting in tides and ebbs. Devotees fast on this day to get their wishes fulfilled.
Not only does it have a religious importance, but Purnima has a little more to do with the human fate. I read somewhere, a long time back, on the full moon day the gravitational force of moon towards the earth, is at its highest. Eventually your deeds and thoughts of this day are more likely to materialize and become true. Hence, on this day one must have only positive thoughts in mind and your thoughts shall become things!
Happy Sharad Purnima. God Bless All.
Sunday, 5 October 2014
Saturday, 4 October 2014
Friday, 3 October 2014
Thursday, 2 October 2014
प्रिय मच्छर
वो गुनगुनाना तुम्हारा, वो मीठी सी तान,
छु लेती थी मेरे कानों के तार सच मान,
आते थे तुम जब नजदीक,
मांगती थी मैँ नींद कि भीख,
सुनाते थे तुम नित नए गीत,
याद है तुम्हारा वो मधुर संगीत,
जगा देते थे गहरी नींद से मुझे,
तब ही आता था चैन तुझे |
अब क्यूँ समझ ना आती आहट तुम्हारे आने की,
सज़ा कैसे दूं तुम्हें चुपके से काट जाने की,
डंक मार कर चले जाते हो, मन में ही मुस्काते हो,
रंगे हाथों पकड़ु कैसे तुम तो उड़ जाते हो,
हो गए अब तुम भी चतुर चालाक,
आ जाओ बस एक बार मेरे हाथ,
किया है मैंने तुम्हे रक्तदान,
उफ्फ... क्यूँ बन रहे तुम अनजान !