मैंने लोगो को कहते सुना है, हाथों में
चूड़ियाँ पहन लो | इसका अर्थ है कि आपमें साहस कि कमी है और चूडि़यां पहनने वाले हाथ कमजोर है | किन्तु मैं इससे सहमत नहीं | एक भिन्न दृष्टिकोण से चूड़ियों पर उल्लेख-
बजती
हैं माँ कि चूड़ियाँ,
रसोई
में मेरे लिए स्वादिष्ट भोजन पकाने के लिए,
मंदिर
की घंटी बजा कर मेरे लिए दुआ का हाथ उठाने के लिए |
बजती
है माँ कि चूड़ियाँ,
मुझे
थपकी दे कर सुलाने के लिए,
मुझ
पर आशीष बरसाने के लिए |
बजती
रहे ममता भरी ये चूड़ियाँ ||
बजती
है बहन कि चूड़ियाँ,
मुझे
सता कर अपने पीछे दौड़ाने के लिए,
मुझ
से मीठी नोक-झोंक में कमर पर हाथ रख धौंस जमाने के लिए |
बजती
है बहन कि चूड़ियाँ,
मेरे
माथे पर चंदन का टीका लगाने के लिए,
मेरे
हाथों में राखी सजाने के लिए |
बजती
रहे शरारत भरी ये चूड़ियाँ ||
बजती
है पत्नी कि चूड़ियाँ,
प्रतीक्षारत
हाथो से दरवाज़ा खोलने के लिए,
मुझे
आलिंगनबद्ध कर मनुहार जताने के लिए |
बजती
है पत्नी कि चूड़ियाँ,
मेरी
पसंद के पकवान बनाने के लिए,
मेरे
घर आँगन को सँवारने के लिए |
बजती
रहे प्रेम भरी ये चूड़ियाँ ||
बजती
है बेटी कि चूड़ियाँ,
मेरे
घर को अपनी किलकारियों से सजाने के लिए,
नन्हे
हाथों से गुड्डे गुड़ियों संग खेलने के लिए |
बजती
है बेटी कि चूड़ियाँ,
ससुराल
जाते हुए छुप कर आँसू पोंछेने के लिए,
दौड़ते
हुए मेरे सीने से लग जाने के लिए |
बजती
रहे मासूमियत भरी ये चूड़ियाँ ||